tag:blogger.com,1999:blog-8029458241815512056.post1873222740609991954..comments2023-12-15T02:47:40.002-08:00Comments on HINDU HINDI HINDUSTHAN - हिन्दू हिंदी हिन्दुस्थान : धर्म सनातन धर्म [हिन्दू ] कई युगो पुराना हैप्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTAhttp://www.blogger.com/profile/02103326902710548202noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8029458241815512056.post-22676451110609189382012-07-12T00:22:54.484-07:002012-07-12T00:22:54.484-07:00वर्तमान युग में पूर्ण रूप से धर्म के मार्ग पर चलना...वर्तमान युग में पूर्ण रूप से धर्म के मार्ग पर चलना किसी भी मनुष्य के लिए कठिन कार्य है । इसलिए मनुष्य को सदाचार के साथ जीना चाहिए एवं मानव कल्याण के बारे सोचना चाहिए । इस युग में यही बेहतर है ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8029458241815512056.post-79313942946440907932012-06-14T03:32:34.847-07:002012-06-14T03:32:34.847-07:00बिलकुल थी कहा हैं आपने श्रीमान, बड़े सुन्दर वचन है...बिलकुल थी कहा हैं आपने श्रीमान, बड़े सुन्दर वचन हैं.प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTAhttps://www.blogger.com/profile/02103326902710548202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8029458241815512056.post-60016443976504685472012-06-13T21:25:11.092-07:002012-06-13T21:25:11.092-07:00धर्म का उद्देश्य - मानव समाज में सत्य, न्याय एवं न...धर्म का उद्देश्य - मानव समाज में सत्य, न्याय एवं नैतिकता की स्थापना करना ।<br />व्यक्तिगत (निजी) धर्म- सत्य, न्याय एवं नैतिक दृष्टि से उत्तम कर्म करना, व्यक्तिगत धर्म है ।<br />सामाजिक धर्म- मानव समाज में सत्य, न्याय एवं नैतिकता की स्थापना के लिए कर्म करना, सामाजिक धर्म है । <br />ईश्वर या स्थिर बुद्धि मनुष्य सामाजिक धर्म को पूर्ण रूप से निभाते है ।<br />धर्म संकट - जब सत्य और न्याय में विरोधाभास होता है, उस स्थिति को धर्मसंकट कहा<br />जाता है । उस स्थिति में मानव कल्याण व मानवीय मूल्यों की दृष्टि से सत्य और<br />न्याय में से जो उत्तम हो, उसे चुना जाता है ।<br />व्यक्ति के कत्र्तव्य पालन की दृष्टि से धर्म -<br />राजधर्म, राष्ट्रधर्म, प्रजाधर्म, पितृधर्म, पुत्रधर्म । <br />यह धर्म भी निजी (व्यक्तिगत) व सामाजिक होते है ।<br />धर्म सनातन है भगवान शिव (त्रिमूर्ति) से लेकर इस क्षण तक ।<br />राजतंत्र होने पर धर्म का पालन राजतांत्रिक मूल्यों से, लोकतंत्र होने पर धर्म का पालन <br />लोकतांत्रिक मूल्यों के हिसाब से किया जाता है । by- kpopsbjriAnonymousnoreply@blogger.com