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Tuesday, June 19, 2012

वीर बंदा बैरागी




बंदा वीर बैरागी या बन्दा सिंह बहादुर का नाम बहुत ही कम लोगो ने सुना होगा और स्कूल की इतिहास की किताबों में भी इस महान व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती....

बन्दा सिंह बहादुर या बन्दा बैरागी पहले ऐसे सिख जरनल हुए, जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा; छोटे साहबजादों की शहादत का बदला लिया और गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्ता सम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ की नीव रक्खी। यही नहीं, उन्होंने गुरु गोबिन्द सिंह के नाम से सिक्का और मोहर जारी करके, निम्न वर्ग के लोगों की उच्च पद दिलाया और हल वाहक किसान-मजदूरों को जमीन का मालिक बनाया।

15 वर्ष की उम्र में वह जानकीप्रसाद नाम के एक बैरागी के शिष्य हो गए लेकिन गुरु गोविन्द सिंह से प्रेरणा लेकर वह मुग़लो के खिलाफ लड़ाई में कूद गए गुरु गोबिन्द सिंह के आदेश से ही वह पंजाब आये और सिक्खों के सहयोग से मुगल अधिकारियों को पराजित करने में सफल हुए.....मई, 1710 में उसने सरहिंद को जीत लिया और सतलुज नदी के दक्षिण में सिक्ख राज्य की स्थापना की। 

गुरुजी ने उन्हें उपदेश दिया था अनाथ अबलाये तुमसे रक्षा कि आशा करती है, गो माता म्लेक्षो की छुरियो क़े नीचे तडपती हुई तुम्हारी तरफ देख रही है, हमारे मंदिर ध्वस्त किये जा रहे है. यहाँ किस धर्म की आराधना कर रहे हो तुम एक बीर अचूक धनुर्धर, इस धर्म पर आयी आपत्ति काल में राज्य छोड़कर तपस्वी हो जाय यह गुरु गोविन्द सिंह को अभीष्ट नहीं था.

मै आपका बन्दा हू, लक्ष्मण ने घुटने टेक कर कहा और उसी दिन से वे सचमुच बन्दा हो गए, गुरु गोविन्द सिंह ने स्वयं उन्हें अपनी तलवार प्रदान की....

दिल्ली क़े सम्राट बहादुर साह प्रथम स्वयं सेना लेकर बन्दा क़ा सामना किया और उन्हें बंदी बनाने में सफल हो गया, लोहे की जंजीरों में बन्दा बैरागी को हाथी पर ले जाया जा रहा था तब बंदा ने सभी जंजीरों को ताड़कर अकेले ही अपने सभी साथियों को बचा लिया फिर बंदा ने हिमाचल के पास लोहगढ़ में अपनी राजधानी बनायीं और शासन करने लगे

एक दुर्भाग्य क़ा दिन आया मुग़ल फूट डालने में कामयाब हो गए वे कुछ सैनिको क़े साथ दुर्ग में घिर गए दुर्ग की सामग्री समाप्त हो गयी, बन्दा और उनके ७८४ साथी पकड़ लिए गए बन्दा को सिंह क़े पिंजरे में बंद करके हाथी पर दिल्ली भेजा गया.

तुम इस्लाम धर्म स्वीकार लो, तुम्हे जीवन दान दिया जायेगा उन्होंने स्वीकार नहीं किया, प्रतिदिन १०० सिक्खों क़े सिर काटे जाते यह क्रम सात दिनों तक चला उनका मस्तक गौरवमय प्रतीत हो रहा था १७१६ क़ा वह मनहूस दिन आया इस्लाम क़े नाम पर जो यह कहते नहीं थकते - कुरान प्रेम, मुहब्बत सिखाता है उनका प्रेम तो देखो बन्दा को नगर से बाहर लाया गया, बन्दा क़े सम्मुख उनके इकलौते पुत्र की छाती फाड़कर जल्लादों ने उसका कलेजा निकाल लिया और बल पुर्बक बन्दा क़े मुख में ठूसा गया, तपाई गयी गर्म सलाखों से पीटा गया जब उनका सरीर झुलस गया, तब गरम चिमटो से उनका मांस नोचा जाने लगा वे मुस्करा रहे थे सबने देखा बैरागी क़े मुख पर बेदना क़े तनिक भी चिन्ह नहीं थे,

अंत में दया करने वाला धर्म, मुहब्बत क़े सन्देश देने वालो ने उन्हें हाथी क़े पैरो नीचे कुचलवाया. बन्दा वास्तव में गुरु क़े बन्दा थे......इस प्रकार बंदा सिंह बहादुर का जीवन क्रांतिकारी विचार ग्रहण करने का जीवन है।......जय हिंद...जय भारत....

साभार : सुदेश शर्मा,  फेसबुक 

5 comments:

  1. sach na jaane aise kitne mahaan log hue hain hamaare bhaarat men jinke baare main aaj hamko hi koi jaankaari nahi aapka yh aalekh padhkar bahut accha lagaa saath hi ek nayi jaankari bhi mili...abhaar

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  2. सराहना के लिए धन्यवाद पल्लवी जी..

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  3. Manniy shree praveen ji apka yah block pad kar bhut accha laga aur apne hidu hone par garv hu apse me vishes nivedan he ki aap apne is lekh me maharaja Hamchandra jinko itihaskar (Henu)kah kar pukarte he unke bare me bataye maharaja Hamchandra bharat ke ase akhari maharaja the jinko "VIKRAMADITY" ki Upadhi mili thi yaha Upadhi kaval Un mahaviro ko di jati hai jo dharm aur prakram me vikramadity ke saman hote he jab ve akbar se bhaduri se lad rahe the tab ek akh me tir lagne ke karan unka dukhad balidan hua agar unko yah tir piche se n lagta to aaj akbar ke vansh ka namo nishan n hota ese mahavir ke bare melogo ko bataya tak nahi jata yah hindustan ko durbhagy he meri yah hardik kamna he ki aap inke bare me jankari prapt kar prasarit kare jai hind jai bharat kamlesh soni from ujjain (9039028952)

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  4. Manniy shree praveen ji apka yah block pad kar bhut accha laga aur apne hidu hone par garv hua apse mera vishes nivedan he ki aap apne is lekh me maharaja Hamchandra jinko itihaskar (Hemu)kah kar pukarte he unke bare me bataye maharaja Hamchandra bharat ke ase akhari maharaja the jinko "VIKRAMADITY" ki Upadhi mili thi yaha Upadhi kaval Un mahaviro ko di jati hai jo dharm aur prakram me vikramadity ke saman hote he jab ve akbar se bhaduri se lad rahe the tab ek akh me tir lagne ke karan unka dukhad balidan hua agar unko yah tir piche se n lagta to aaj akbar ke vansh ka namo nishan n hota ese mahavir ke bare melogo ko bataya tak nahi jata yah hindustan ko durbhagy he meri yah hardik kamna he ki aap inke bare me jankari prapt kar prasarit kare jai hind jai bharat kamlesh soni from ujjain (9039028952)

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    1. माननीय कमलेश सोनी जी राम राम, सराहना के लिए धन्यवाद, वीर हेमू के बारे में आप मेरे ब्लॉग "हमारा वैश्य समाज " में पढ़ सकते हैं. उसका लिंक में नीचे दे रहा हूँ.. वन्देमातरम...

      http://praveengupta2010.blogspot.in/2012/05/hemuvikramaditya.html

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