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Friday, January 6, 2012

हिन्दुओ, स्वाभिमान जाग्रत कीजिये

हिंदुओ, यह देश हिंदुओंका है और हिंदुओंका ही रहे, ऐसा आपको लगता हो, तो आगे दी हुई बातें धर्मनिरपेक्ष (अधर्मी) कांग्रेसी शासकोंसे स्पष्ट कहिए । यह देश है,


१. देशकी स्वतंत्रता और सर्व भारतीयोंके लिए जीवन समर्पित करनेवाले लोकमान्य तिलक, स्वा. सावरकर और भगतसिंह आदि क्रांतिकारियोंका !

२. हिंदुओंकी रक्षा करनेवाले, हिंदुओंके मंदिरोंकी पवित्रता बनाए रखनेवाले, हिंदु धर्मका पालन करनेवाले और हिंदु धर्मसे असीम प्रेम करनेवाले प्रखर धर्माभिमानियोंका ।

३. भारतके महान संतों और गुरुओंका, जिन्होंने अपना जीवन समर्पित कर कोटि-कोटि हिंदुओंके उद्धारके लिए अथक महान प्रयत्न किए और आज भी कर रहे हैं तथा जिन्होंने अपने सामर्थ्यसे भारतकी सात्त्विकता बनाए रखकर सर्व हिंदुओंको जीवित रखा है ।

४. भारतका मस्तक गर्वसे ऊंचा करनेवाले वीर सैनिकोंका, जो अपना सिर हथेलियोंपर रखकर इस भारतकी रक्षाके लिए सीमापर दिन-रात डटे हैं ।

५. समाजका निरंतर प्रबोधन कर श्रेष्ठ मार्गपर चलानेवाले, उसपर उत्तम संस्कार करनेवाले, उसे इतिहास और पराक्रमी राष्ट्रीय हिंदु नेताओंका पुनःपुनः स्मरण करवाकर साहस, वीरता, पराक्रम, धैर्य, शौर्य आदि गुणोंके बीज बोनेवाले समाज सुधारकोंका ।

६. यह देश है ईश्वरकी प्राप्तिके लिए साधना करनेवालोंका और अपने साथ समाजको यह ध्येय देकर समाजका भी उत्कर्ष साध्य कर संपूर्ण राष्ट्रको ही ईश्वरप्राप्तिकी दिशामें गतिमान कर राष्ट्रकी सर्वांगीण प्रगति करवानेवालोंका !’

७. संक्षेपमें, यह देश है नीतिमान, प्रखर राष्ट्राभिमानी, हिंदु धर्माभिमानी और देशके लिए समय देकर कुछ करनेवालोंका, अर्थात् कर्महिंदुओंका ।

(अधिक वैशाख शु. ३, कलियुग वर्ष ५११२ (१७.४.२०१०))

Courtesy By : SANATAN PRABHAT

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