Pages

Tuesday, September 4, 2012

कश्मीर में फिर से अमरनाथ यात्रा का विरोध

कश्मीर में फिर से वही भारत विरोधी, अमरनाथ यात्रा विरोधी राग अलापना शुरू हो गया हैं. जब से माननीय उच्चतम न्यायालय ने यात्रा मार्ग को विकसित करने और यात्रियों की सुविधाए बढाने के लिए कहा हैं, तब से कश्मीर में, वंहा के राजनितिक दलो में, वंहा के सामाजिक संगठनों में, और उग्रपंथी दल तो हैं ही. पर्यावरण के नाम पर, इस्लाम के नाम पर इसका विरोध शुरू हो गया हैं. वैसे तो ये लोग कहते हैं की हमारा भारत से विरोध में हिंदू मुस्लिम की कोई बात नहीं हैं, लेकिन जब भी कोई भी निर्णय वंहा पर अमरनाथ जी की यात्रा या फिर कश्मीरी पंडितो को लेकर के होता हैं, तभी वंहा पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं. आज पूरा कश्मीर बंद करने का आह्वाहन किया हुआ हैं. इससे उन लोगो की झूठी धर्मनिरपेक्षता, और भारत विरोध और हिंदू विरोध झलकता हैं. वाकई किसी ने सही कहा हैं की कश्मीर सेना के बल पर भारत के पास हैं. वंहा के लोगो की मानसिकता पूरी तरह से भारत विरोधी और हिंदू विरोधी हैं. ऐसा नहीं हैं की वे लोग पाकिस्तान में मिलना चाहते हो, वे लोग भारत में रहकर के भारत सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं. वंहा से कोई राजस्व नहीं मिलता हैं, उलटे भारत सरकार खरबो रूपये साल भर में खर्च करती हैं. वह रुपया सीधे भ्रष्टाचार के द्वारा वंहा के नेताओं और सरकारी कर्मचारियों की जेब में जा रहा हैं. वे लोग अरबपति और करोड़पति बन गए हैं. इस सौ किलोमीटर लंबी छोड़ी घाटी को यदि भारत सरकार अपने नियंत्रण में नहीं कर सकती तो लानत हैं. पर वो क्यों करे, देश हित और हिंदू हित तो उसे दिखाई नहीं देता हैं. उलटे उन लोगो के तुष्टिकरण में लगी हुई हैं. जब जम्मू में इसकी प्रतिकिर्या होगी, तब ये जागेगी. या सोई रहेगी कुछ नहीं पता. उसे देश से कोई मतलब नहीं हैं. उसे तो कई कई लाख करोड के घोटाले करने हैं बस. भगवान जाने क्या होगा. वन्देमातरम..

No comments:

Post a Comment

हिंदू हिंदी हिन्दुस्थान के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।