जीप घोटाला (1948),
साइकिल आयात घोटाला(1951),
मुंध्रा मैस (1957-58),
तेजा लोन (1960),
पटनायक मामला (1965)
नागरावाला घोटाला (1971),
मारूति घोटाला, व कुओ ऑयल डील (1976),
अंतुले ट्रस्ट (1981),
एचडीडब्ल्यू सबमरीन घोटाला (1987),
बिटुमेन घोटाला, तांसी भूमि घोटाला, सेंट किट्स केस (1989),
अनंतनाग ट्रांसपोर्ट सब्सिडी स्कैम, चुरहट लॉटरी स्कैम, बोफोर्स घोटाला (1986),
एयरबस स्कैंडल (1990),
इंडियन बैंक घोटाला ,हर्षद मेहता घोटाला , सिक्योरिटी स्कैम (1992),
जैन (हवाला) डायरी कांड (1993),
चीनीआयात (1994),
बैंगलोर-मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर , जेएमएम संासद घूसकांड (1995)
यूरियाघोटाला , संचार घोटाला , चारा घोटाला ,लखुभाई पाठक पेपर स्कैम (1996),
तेलगी स्टाम्प स्कैंडल (2003),
कैश फॉर वोट स्कैंडल , सत्यम घोटाला ,मधुकोड़ा मामला (2008),
आदर्श सोसाइटी मामला , कॉमनवेल्थ घोटाला , 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला(2010),
नेशनल रूरल हे़ल्थ मिशन घोटाला , एयर इंडिया एंड इंडियन एयरलाइन्स घोटाला , कावेरी बेसिन डी ब्लाक घोटाला , एंट्रिक्स देवास घोटाला......... . सभी 2011
पावर प्रोजेक्ट घोटाला , इंदिरा गाँधी एअरपोर्ट घोटाला , कोयला घोटाला , लौह अयस्क घोटाला, हेलिकॉप्टर घोटाला, मनरेगा घोटाला, थोरियम घोटाला......... .सभी 2012
SAABHAR : MANUPRAKASH TYAGI, FESBOOK
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18/07/2013 के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteकृपया पधारें
धन्यवाद
घोटाले ही घोटाले हुए हैं पिछले पैंसठ साल में और यही उपलब्धि है देश की सबसे बड़ी पार्टी के नाम !!
ReplyDeleteइतने सारे घुटाले एक जगह देखकर लगता है कि भारत कैसे समरिध बनेगा...
ReplyDeleteएक नजर इधर भी...
यही तोसंसार है...