Pages

Wednesday, August 21, 2013

GOVT. LOOT - सरकारी लूट




औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था जो साल मे एक हि बार देना पड़ता था, आमदनी पर उसने भी कोई कर नही लगाया था | लेकिन अंग्रेजों ने भारत की लोगोंकी आमदनी पर कर लगाया वो भी 97%, माने 100 रूपए अगर किसी की आमदनी हो तो 97 रूपए अंग्रेजों को देना पड़ता था सिर्फ 3 रूपए उसके पास बचता था | ऐसा व्यवस्था अंग्रेजों ने बनाया था जिससे सारा पैसा भारतीय से लूट लेना ताकि भारतीय के हात मे कुछ न बचे, ताकि वे क्रांतिकारियों को दान न दे सके, इसके लिए इनकम टैक्स का कानून इस देश मे आया था |

बड़ी दुःख बात यह है के अंग्रेजों ने जो लूट का कानून बनाया था वो आज़ादी के 65 साल बाद भी चल रहा है, Indian Income Tax के नाम से हि चल रहा है, और आज भी भारतवासियों से धन लूटा जा रहा है | बस अंतर इतना है पहले गोर अंग्रेजों ने लूटा था और उस धन को लन्दन मे जमा किया था, अब काले अंग्रेज उस कानून के आधार पर धन लूट रहे है और सुईजरलैंड मे ले जाकर उस धन को जमा कर रहें है; व्यवस्था वोही के वोही चल रही है कानून वोही के वोही चल रही है |

अंग्रेजों ने Central Excise Act बनाया – कोई भी भारतवासी किसी वस्तु का उत्पादन करे तो उसपर 350% excise duty, अंग्रेजों ने sales tax लगाया, अंग्रेजों ने road tax लगाया, toll tax अगया, municipal corporation tax लगाया और ऐसे 23 तरह के टैक्स कानून लगाकर इस देश के नागरिकों को जमकर लूटा, लहभग 190 वर्षों तक |

अब अंग्रेजों ने यह सब कानून बनाये थे लूटने के लिए, तो आज़ादी के बाद होना ये चाहिए था के ये सारे कानून ख़तम किये जाये Income Tax ख़तम किये जाये, Central Excise ख़तम किये जाये, Road Tax ख़तम किये जाये, Toll Tax ख़तम किये जाये, Municipal Corporation Tax ख़तम किये जाये माने, अंग्रेजों के लगाये हुए 23 तरह के सारे टैक्स ख़तम किया जाये | लेकिन हमारे काले अंग्रेजों ने इसका उल्टा किया, अंग्रेजों के जाने के 65 साल के बाद काले अंग्रेजों ने इस देश पर अब 64 तरह के टैक्स लगा रखे है, और देश को लूट रहे है, अंग्रेजों ने भी जितना नही लूटा होगा उससे कई गुना जादा काले अंग्रेज, भ्रष्टाचारी नेता, और भ्रष्टाचारी अधिकारी इस देश को लूट रहें है और इसी लूट के damदम पर 100 लाख करोड़ रूपए से जादा इन्होने विदेशी बैंकों मे जमा करके रखा हुआ है |

साभार: फेस बुक, राजीव दीक्षित जी, कुनाल आर्य व दिनेश राठोर जी 

1 comment:

हिंदू हिंदी हिन्दुस्थान के पाठक और टिप्पणीकार के रुप में आपका स्वागत है! आपके सुझावों से हमें प्रोत्साहन मिलता है कृपया ध्यान रखें: अपनी राय देते समय किसी प्रकार के अभद्र शब्द, भाषा का प्रयॊग न करें।