१. ‘जिन लाखों हिंदु एवं सिख शरणार्थियोंको वर्ष १९४७ में पाकिस्तानसे निकाला गया था, उन्हें कश्मीरमें बसा दिया गया होता !
२. १९७१ में जब ‘बांग्लादेश’को स्वाधीनता मिली, तब वहांसे जिन हिंदुओंको निकाला जा रहा था, उनके लिए उसी समय बांग्लादेशका एक तृतीयांश भू-भाग सुरक्षित कर लिया गया होता!
३. नेपाल जैसे हिंदु राष्ट्रको उद्ध्वस्त करनेकी माओवादी, पाकिस्तानी, ईसाई मिशनरियोंकी चालें सफल न होतीं
४. ‘मुसलमानोंकी जनसंख्यात्मक आक्रमकताके कारण भारतका ‘हिंदु’ रूप संकटमें है । यहांकी हिंदु जनसंख्यामें होनेवाली घटौती एवं मुसलमान तथा ईसाइयोंकी जनसंख्यामें होनेवाली वृद्धिसे परिस्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि वर्ष २०५१ तक भारतमें हिंदु अल्पसंख्यक हो जाएंगे ।’ (संदर्भ : जनगणना प्रतिवेदन २००१ : Centre for Policy studies) भारत, यदि हिंदु राज्य होता, तो ऐसा कभी नहीं होता !
(मासिक अभय भारत, १५ अक्तुबर से १४ नवंबर २०१०)
SAABHAR : SANATAN PRABHAT
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