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Saturday, December 17, 2011

हिंदू धर्म और उसके रक्षक!

हिंदू धर्म और उसके रक्षक!




भौगोलिक रूप से भारत की स्थिति विश्व में आदित्य है | मानव जीवन के लिए उपयुक्त उत्तम जलवायु, कल- कल बहती नदिया, सोना उगलती मिट्टी विश्व में और कही नहीं है | तीन तरफ से हिमालय सीना ताने प्रहरी के सामान खडा है ,वहीँ दक्षिण में सागर तीन तरफ से घेर कर रक्षा कर रहा है| इसी भारत में नदियों के तट पर एक संस्कृति का जन्म हुआ,जिसे हिन्दू धर्म कहते है | इसकी किसी ने शुरुआत नहीं की इस लिए इसे सनातन धर्म भी कहते है | जीवन चार के प्रमुख कार्य को समाज के चार भाग कर में बाँट दिए गया| सनातन धर्म की रक्षा करने का और विदेशियों से देश की सुरक्षा का भार क्षत्रियो को सौपा गया परन्तु ये क्षत्रिये कौन थे और क्या ये सचमुच थे ?|इतिहास गवाह है बिदेशियो ने लगातार भारत पर हमला किया भारत के मंदिरों को लूटा सोम नाथ, काशी विश्व नाथ अयोध्या मथुरा जो सनातन धर्म के आधार है लूटा और मंदिरों को ध्वस्त किया , लाखो लोगो का धर्म परिवर्तन किया परन्तु ना देश की जनता एक जुट होके आगे आयी और ना ही ये कथित 'क्षत्रिये' दिखाई दिए, और ना ही हिन्दू धर्म के ठेकेदार धर्मचारी कहीं दिखाई दिए जो भारत को एकजुट कर के विदेशियों का मुकाबला कर सके |

हम ने अपनी कर्म व्यस्था (जातिवाद )से इतने जुड़ गए है राष्ट्र के प्रति संवेदना ख़त्म हो गयी है| हम अपनी जाती गौरव के लिए मरने मारने को तैयार रहते है किन्तु राष्ट्र के लिए कोई तैयार है नहीं ?| हमारे राजनीतिक दल केवल जाती समूह के रक्षक बन कर रह गएँ है, गावों और शहरो में आपसी घृणा बड़ी है...जात बड़ी है| जाट आरक्षण, गुर्जर आरक्षण, जैसे आरक्षणों के लिए पूरा समाज इकट्ठा हो जाता है किन्तु राष्ट्र-धर्म के लिए कोई खडा हो ऐसा देखने में नहीं आया|


महर्षि अरविन्द ने कहा था भारत वासी कभी एक नहीं हुए न ही उन्होंने कोई भी धर्म युद्ध एकजुट होके लड़ा,मराठा मराठो के लिए लड़े, राजपूत राजपूतो के लिए|


आदि गुरु शंकराचार्य के समय इस्लाम का आगमन केरल में हो गया था हिन्दू धर्माचार्यो ने भारतीय व्यापारियों को भारत से बाहर जाने को मना कर दिया था इसलिए बिदेशो का सारा व्यापार मुसलमानों के हाथ हो गया | यूरोप का सारा व्यापार केरल से होता था केरल से मसाले कपडे बड़ी मात्रा में यूरोप जाते थे| इसाई व्यपार के बहाने धर्म परिवर्तन करवाते रहे और देश पर कब्ज़ा करते रहे, परन्तु उन्हें रोकने न तो कोई धर्माचार्य आगे आया न कथित 'क्षत्रिय' |


जब अरब में इस्लाम का उदय हुआ तो वहा के व्यापारियों ने इस्लाम स्वीकार किया आदि गुरु शंकराचार्य जी ने इस्लाम के खतरे को देखा तो उन्हों हिन्दू धर्म की रक्षाके लिए पूरे देश में भ्रमण किया चार पीठे बनवा दीये और अखाड़ो का निर्माण किया| उन्होंने कश्मीर में अनगिनत मंदिर बनवा दीये ताकि मंदिर के बहाने हिन्दू कश्मीर से जुड़ा रहे, परन्तु जब कश्मीर पर मुगलों ने आक्रमण किया तो उसे बचाने कोई भी क्षत्रिय या धर्माचार्य(शंकराचार्य) देश के अन्य हिस्से से वहाँ नहीं पंहुचा| आज के शंकराचार्यों का भी यही हाल है देश में क्या हो रहा है इन्हें कोई मतलब नहीं, हिन्दू धर्म परिवर्तन करता है तो करने दो मरता है तो मरने दो , जातिवाद सनातन को खोखला करता है तो करने दो, छुआ -छूत मिटे -न मिटे, बस इन्हें अपने पद से मतलब है पद मिल गया और मज़े से जिन्दगी कट गयी |

वहीँ दूसरी तरफ अगर इस्लाम पर दुनिया के किसी भी कोने में कोई बात हो जाये यहाँ के मुल्ला -मोलवी तुरंत फ़तवा जारी कर देते है चाहे उसका इनसे कोई मतलब हो या न हो|

अपनी जाती को लेके हिन्दुओं में इतना गर्व है की जातिवाद के जरा से झगडे में हथियार निकल जाते हैं , लोग मरने मारने पर उतारू हो जाते है परन्तु जब धर्म की बात आती है तो कायर बन जाते हैं |

जब कश्मीर में औरंगजेब ने कश्मीरी ब्राह्मणों को जबरदस्ती मुसलमान बनाना शुरू किया तो कश्मीरी ब्रह्मण शंकराचार्यों के पास नहीं गए बल्कि गुरु तेग बहादुर के पास गए जिन्हों अपनी जान दे कर उन की रक्षा की| हिन्दू धर्म में क्षत्रियों अनुपस्थित होना को गुरु गोवुन्द सिंह जी ने समझा उन्हों ने हर परिवार के एक युवक माँगा जो असल में क्षत्रिय बन सके और धर्म-देश के लिए जान दे सके | वीर शिवा जी ने मराठो को इकट्ठा किया और मुगलों से लोहा लिया, प्रथ्वी राज ,शुहैल पासी जैसे वीर हिन्दुओं के लिए लड़े परन्तु ये शंकराचार्य अपने आसन से नहीं उतरे ना ही उन्होंने हिन्दुओं को एक जुट किया और ना ही इनके अधीन अखाड़ो ने अपनी कोई सक्रीय भूमिका निभाई|

भारत हमेसा से सोने की चिड़िया कहलाता रहा है इस का मतलब धन-खनिज संपदा खूब थी /है परन्तु रक्षा करने वाला कोई नहीं था /है मुट्ठी भर आक्रमणकारी आते रहे लूट कर ले जाते रहे परन्तु हम अपने आपसी झगड़ो में उलझते रहे कभी जाती के नाम पर कभी प्रदेश के नाम पर और अब भी यही हाल है|

हम कब जागेंगे और जातिवाद छोड़ देश और अपने धर्म के बारे में सोचेंगे?


2 comments:

  1. Friends, first teach your kids to stay away from love-Jihadi muslims/ ask them to refrain from saying eid mubarak etc---till you and your kids will not pride sanatan hindu culture----you will be humiliated in your country & all over the world by these terrorists/jehadi muslims - - - - - imagine what mislims will do to your kids/great grand kids after 50 years--apana nahi tau apani next generation ke baarey mai socho---------------------------------LET'S CHECK TODAY--FACEBOOK ACCOUNTs OF YOUR SISTER/NIECE/DAUGHTER AND OTHER RELATIVE--AND SEE HOW MANY MUSLIM FRIENDS they have on facebook--clever MUSLIM ALWAYS TRY TO MAKE HINDU GIRL AS FRIEND----PLEASE ASK YOUR female RELATIVES TO REMOVE MUSLIMS FROM THEIR FRIEND LIST---let's take this 1st Step towards betterment of our nation our culture. --- please do it today, before it is too late for you.----spread this message to as many hindu's as possible - Thanks

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