महाभारत के बाद से आधुनिक काल तक के सभी राजाओं का विवरण क्रमवार तरीके से नीचे प्रस्तुत किया जा रहा है...!
आपको यह जानकर एक बहुत ही आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी होगी कि महाभारत युद्ध के पश्चात् राजा युधिष्ठिर की 30 पीढ़ियों ने 1770 वर्ष 11 माह 10 दिन तक राज्य किया था..... जिसका पूरा विवरण इस प्रकार है :
... क्र................... शासक का नाम.......... वर्ष....माह.. दिन
1. राजा युधिष्ठिर (Raja Yudhisthir)..... 36.... 08.... 25
2 राजा परीक्षित (Raja Parikshit)........ 60.... 00..... 00
3 राजा जनमेजय (Raja Janmejay).... 84.... 07...... 23
4 अश्वमेध (Ashwamedh )................. 82.....08..... 22
5 द्वैतीयरम (Dwateeyram )............... 88.... 02......08
6 क्षत्रमाल (Kshatramal).............. ..... 81.... 11..... 27
7 चित्ररथ (Chitrarath).............. ........ 75......03.....18
8 दुष्टशैल्य (Dushtashailya)........... .... 75.....10.......24
9 राजा उग्रसेन (Raja Ugrasain)......... 78.....07.......21
10 राजा शूरसेन (Raja Shoorsain).......78....07. .......21
11 भुवनपति (Bhuwanpati).............. ..69....05.......05
12 रणजीत (Ranjeet)................. ........65....10......04
13 श्रक्षक (Shrakshak)............... ........64.....07......04
14 सुखदेव (Sukhdev)................. .......62....00.......24
15 नरहरिदेव (Narharidev).............. ...51.....10.......02
16 शुचिरथ (Suchirath)............... ......42......11.......02
17 शूरसेन द्वितीय (Shoorsain II)........58.....10...... .08
18 पर्वतसेन (Parvatsain )..................55..... 08.......10
19 मेधावी (Medhawi)................. .......52.....10......10
20 सोनचीर (Soncheer)................ .....50.....08.......21
21 भीमदेव (Bheemdev)................ ....47......09.......20
22 नरहिरदेव द्वितीय (Nraharidev II)...45.....11.......23
23 पूरनमाल (Pooranmal)............... ...44.....08.......07
24 कर्दवी (Kardavi)................. ..........44.....10....... .08
25 अलामामिक (Alamamik)...............5 0....11........08
26 उदयपाल (Udaipal)................. ......38....09........00
27 दुवानमल (Duwanmal)................ ..40....10.......26
28 दामात (Damaat).................. ........32....00.......00
29 भीमपाल (Bheempal)................ ...58....05........08
30 क्षेमक (Kshemak)................. .......48....11........21
इसके बाद ....क्षेमक के प्रधानमन्त्री विश्व ने क्षेमक का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 14 पीढ़ियों ने 500 वर्ष 3 माह 17 दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 विश्व (Vishwa).................. ....... 17 3 29
2 पुरसेनी (Purseni)................. .... 42 8 21
3 वीरसेनी (Veerseni)................ .. 52 10 07
4 अंगशायी (Anangshayi)........... 47 08 23
5 हरिजित (Harijit)................. ... 35 09 17
6 परमसेनी (Paramseni)............. 44 02 23
7 सुखपाताल (Sukhpatal)......... 30 02 21
8 काद्रुत (Kadrut).................. . 42 09 24
9 सज्ज (Sajj).................... .... 32 02 14
10 आम्रचूड़ (Amarchud)......... 27 03 16
11 अमिपाल (Amipal) .............22 11 25
12 दशरथ (Dashrath)............... 25 04 12
13 वीरसाल (Veersaal)...............3 1 08 11
14 वीरसालसेन (Veersaalsen).......47 0 14
इसके उपरांत...राजा वीरसालसेन के प्रधानमन्त्री वीरमाह ने वीरसालसेन का वध करके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 16 पीढ़ियों ने 445 वर्ष 5 माह 3 दिन तक राज्य किया जिसका विरवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 राजा वीरमाह (Raja Veermaha)......... 35 10 8
2 अजितसिंह (Ajitsingh)............... ....... 27 7 19
3 सर्वदत्त (Sarvadatta).............. ............28 3 10
4 भुवनपति (Bhuwanpati).............. .....15 4 10
5 वीरसेन (Veersen)................. ...........21 2 13
6 महिपाल (Mahipal)................. ...........40 8 7
7 शत्रुशाल (Shatrushaal)............. ........26 4 3
8 संघराज (Sanghraj)................ ........17 2 10
9 तेजपाल (Tejpal).................. .......28 11 10
10 मानिकचंद (Manikchand)............37 7 21
11 कामसेनी (Kamseni)................. .42 5 10
12 शत्रुमर्दन (Shatrumardan)..........8 11 13
13 जीवनलोक (Jeevanlok).............28 9 17
14 हरिराव (Harirao)................. .....26 10 29
15 वीरसेन द्वितीय (Veersen II)........35 2 20
16 आदित्यकेतु (Adityaketu)..........23 11 13
ततपश्चात् प्रयाग के राजा धनधर ने आदित्यकेतु का वध करके उसके राज्य को अपने अधिकार में कर लिया और उसकी 9 पीढ़ी ने 374 वर्ष 11 माह 26 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण इस प्रकार है ..
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 राजा धनधर (Raja Dhandhar)...........23 11 13
2 महर्षि (Maharshi)................ ...............41 2 29
3 संरछि (Sanrachhi)............... .............50 10 19
4 महायुध (Mahayudha)............... ..........30 3 8
5 दुर्नाथ (Durnath)................. ..............28 5 25
6 जीवनराज (Jeevanraj)............... ........45 2 5
7 रुद्रसेन (Rudrasen)................ ..........47 4 28
8 आरिलक (Aarilak)................. .........52 10 8
9 राजपाल (Rajpal).................. ............36 0 0
उसके बाद ...सामन्त महानपाल ने राजपाल का वध करके 14 वर्ष तक राज्य किया। अवन्तिका (वर्तमान उज्जैन) के विक्रमादित्य ने महानपाल का वध करके 93 वर्ष तक राज्य किया। विक्रमादित्य का वध समुद्रपाल ने किया और उसकी 16 पीढ़ियों ने 372 वर्ष 4 माह 27 दिन तक राज्य किया !
जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 समुद्रपाल (Samudrapal).............5 4 2 20
2 चन्द्रपाल (Chandrapal).............. ..36 5 4
3 सहपाल (Sahaypal)................ ...11 4 11
4 देवपाल (Devpal).................. ...27 1 28
5 नरसिंहपाल (Narsighpal).........18 0 20
6 सामपाल (Sampal)...............27 1 17
7 रघुपाल (Raghupal)...........22 3 25
8 गोविन्दपाल (Govindpal)........27 1 17
9 अमृतपाल (Amratpal).........36 10 13
10 बालिपाल (Balipal).........12 5 27
11 महिपाल (Mahipal)...........13 8 4
12 हरिपाल (Haripal)..........14 8 4
13 सीसपाल (Seespal).......11 10 13
14 मदनपाल (Madanpal)......17 10 19
15 कर्मपाल (Karmpal)........16 2 2
16 विक्रमपाल (Vikrampal).....24 11 13
टिप : कुछ ग्रंथों में सीसपाल के स्थान पर भीमपाल का उल्लेख मिलता है, सम्भव है कि उसके दो नाम रहे हों।
इसके उपरांत .....विक्रमपाल ने पश्चिम में स्थित राजा मालकचन्द बोहरा के राज्य पर आक्रमण कर दिया जिसमे मालकचन्द बोहरा की विजय हुई और विक्रमपाल मारा गया। मालकचन्द बोहरा की 10 पीढ़ियों ने 191 वर्ष 1 माह 16 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 मालकचन्द (Malukhchand) 54 2 10
2 विक्रमचन्द (Vikramchand) 12 7 12
3 मानकचन्द (Manakchand) 10 0 5
4 रामचन्द (Ramchand) 13 11 8
5 हरिचंद (Harichand) 14 9 24
6 कल्याणचन्द (Kalyanchand) 10 5 4
7 भीमचन्द (Bhimchand) 16 2 9
8 लोवचन्द (Lovchand) 26 3 22
9 गोविन्दचन्द (Govindchand) 31 7 12
10 रानी पद्मावती (Rani Padmavati) 1 0 0
रानी पद्मावती गोविन्दचन्द की पत्नी थीं। कोई सन्तान न होने के कारण पद्मावती ने हरिप्रेम वैरागी को सिंहासनारूढ़ किया जिसकी पीढ़ियों ने 50 वर्ष 0 माह 12 दिन तक राज्य किया !
जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 हरिप्रेम (Hariprem) 7 5 16
2 गोविन्दप्रेम (Govindprem) 20 2 8
3 गोपालप्रेम (Gopalprem) 15 7 28
4 महाबाहु (Mahabahu) 6 8 29
इसके बाद.......राजा महाबाहु ने सन्यास ले लिया । इस पर बंगाल के अधिसेन ने उसके राज्य पर आक्रमण कर अधिकार जमा लिया। अधिसेन की 12 पीढ़ियों ने 152 वर्ष 11 माह 2 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 अधिसेन (Adhisen) 18 5 21
2 विल्वसेन (Vilavalsen) 12 4 2
3 केशवसेन (Keshavsen) 15 7 12
4 माधवसेन (Madhavsen) 12 4 2
5 मयूरसेन (Mayursen) 20 11 27
6 भीमसेन (Bhimsen) 5 10 9
7 कल्याणसेन (Kalyansen) 4 8 21
8 हरिसेन (Harisen) 12 0 25
9 क्षेमसेन (Kshemsen) 8 11 15
10 नारायणसेन (Narayansen) 2 2 29
11 लक्ष्मीसेन (Lakshmisen) 26 10 0
12 दामोदरसेन (Damodarsen) 11 5 19
लेकिन जब ....दामोदरसेन ने उमराव दीपसिंह को प्रताड़ित किया तो दीपसिंह ने सेना की सहायता से दामोदरसेन का वध करके राज्य पर अधिकार कर लिया तथा उसकी 6 पीढ़ियों ने 107 वर्ष 6 माह 22 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 दीपसिंह (Deepsingh) 17 1 26
2 राजसिंह (Rajsingh) 14 5 0
3 रणसिंह (Ransingh) 9 8 11
4 नरसिंह (Narsingh) 45 0 15
5 हरिसिंह (Harisingh) 13 2 29
6 जीवनसिंह (Jeevansingh) 8 0 1
पृथ्वीराज चौहान ने जीवनसिंह पर आक्रमण करके तथा उसका वध करके राज्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया। पृथ्वीराज चौहान की 5 पीढ़ियों ने 86 वर्ष 0 माह 20 दिन तक राज्य किया जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है।
क्र. शासक का नाम वर्ष माह दिन
1 पृथ्वीराज (Prathviraj) 12 2 19
2 अभयपाल (Abhayapal) 14 5 17
3 दुर्जनपाल (Durjanpal) 11 4 14
4 उदयपाल (Udayapal) 11 7 3
5 यशपाल (Yashpal) 36 4 27
विक्रम संवत 1249 (1193 AD) में मोहम्मद गोरी ने यशपाल पर आक्रमण कर उसे प्रयाग के कारागार में डाल दिया और उसके राज्य को अधिकार में ले लिया।
इस जानकारी का स्रोत स्वामी दयानन्द सरस्वती के सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ, चित्तौड़गढ़ राजस्थान से प्रकाशित पत्रिका हरिशचन्द्रिका और मोहनचन्द्रिका के विक्रम संवत1939 के अंक और कुछ अन्य संस्कृत ग्रंथ है।
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साभार : फेस बुक
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारियाँ समेट के लाये हैं !
ReplyDeleteधन्यवाद श्रीमान जी.
Deleteसंचित करके आँकड़े, दर्पण दिया दिखाय।
ReplyDeleteकितने थे सम्राट ये, हमको दिया बताय।।
वाह श्रीमान जी वाह, धन्यवाद बहुत बहुत.
Deleteबहुत ही रोचक आंकड़े इकट्ठे किये गए हैं इतिहास में रूचि लेने वालों को बहुत काम आयेंगे बहुत बहुत हार्दिक आभार
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteबहुत उत्तम जानकारी धन्यवाद.........प्रायः महाभारत काल के पश्चात के काल को भारतीय इतिहास का अंधकार युग कहा जाता है ...यही वास्तव में विश्व इतिहास का भी अंधकारमय युग था क्योंकि महाभारत युद्ध विश्व-युद्ध था एवं विश्व के अन्य देश..महाद्वीप आदि में विक्सित सभ्यता नहीं थी | तत्पश्चात प्राय: इतिहास क्षेमक से प्रारम्भ होता है....
ReplyDeleteआपने ठीक कहा हैं, धन्यवाद बहुत बहुत, वन्देमातरम
ReplyDeleteजानकारी के लिए धन्यवाद साथ ही यदि B. Cऔर A. D में लिखा होता और समकाल के प्रतापी राजा व् प्रसिद्द रजा का नाम होता तो और अच्छा होता !
ReplyDeletelekin yah varnana kahan ke raja ka kiya gaya hai samuche bharat ke ya dilli ke samajh me n aya
ReplyDeleteवंशावली निरंतरता का प्रतीक होती है, अगर युधिष्टिर का वंश १७०० वर्ष तक चला तो महाभारत एक आदिवासी समुदाए की बीच का बहुत छोटा सा युद्ध था | वोह ऐसा समुदाय था जिसका कोइ विकास नहीं था|
ReplyDeleteध्यान दे इसाई जबरदस्त धन खर्च कर रहे हैं, यह प्रमाणित करने के लिए पिरामिड, Indus Valley Civilization से जो प्रमाण मिले हैं, उसे महाभारत युद्ध से ना जुड़ने दिया जाय, और सबसे आसान तरीका है, की इस वंशावली को लोक प्रिये कर दो|
सत्य यह है की महाभारत प्रथम विश्व युद्ध था, और अत्यंत विकसित समाज था|
MAHABHARAT was fought as DHARM YUDH with KAURAVS favoring and accepting GENETIC ENGINEERING and HUMAN CLONING as DHARM, while PANDAVS rejecting the same and declaring NATURAL PROCESS OF CHILD REARING as DHARM....MAHABHARAT was the FIRST WORLD WAR
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http://awara32.blogspot.com/2013/07/blog-post.html