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Wednesday, June 27, 2012

!! क्यों हिटलर ने अपनी सेना का साइन स्वस्तिक चयन किया !!




!! क्यों हिटलर ने अपनी सेना का साइन स्वस्तिक चयन किया !!

उन्होंने मीन कैम्फ ("मेरा संघर्ष") नामक अपनी आत्मकथा लिखी।
उन्होंने स्वस्तिक को अपने दल का चिह्र बनाया जो कि हिन्दुओ का शुभ चिह्र है समाचारपत्रों के द्वारा हिटलर ने अपने दल के सिद्धांतों का प्रचार जनता में किया।

इसमें नाजी दल के सिद्धांतों का विवेचन किया। उन्होंने लिखा कि आर्य जाति सभी जातियों से श्रेष्ठ है और जर्मन आर्य हैं। उन्हें विश्व का नेतृत्व करना चाहिए। यहूदी सदा से संस्कृति में रोड़ा अटकाते आए हैं।

Hitler has given explanation to this question in his treatise ‘Mein Kampf’ (My Struggle) which outlines his political philosophy. He identified swastika symbol as an emblem of the ancient civilization of Aryans and also as a symbol of success.

In public, Hitler often praised Christian heritage and German Christian culture, and professed a belief in an "Aryan"

Hitler considered Germans as Aryans, but not the English, French or the Scandinavians! Hitler’s ambition was that Aryan civilization should triumph over the world, which basically meant that he wanted to establish German Empire. With this objective in mind he selected the symbol of swastika for Nazi Germany. Each poster propagating Nazi ideology had swastika symbol printed on it. However, the original Aryan word was not swastika but ‘swasti’ which meant ‘be well’ as a benediction! —



साभार :भारतीय संस्क्त्रती ही सर्वश्रेष्ठ हैं. फेसबुक 

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